यमुना एक्सप्रेसवे मौत का कुआं बना, तीन दिन में पांच लोगों की जान गई

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मथुरा: यमुना एक्सप्रेसवे पर लगातार हो रहे हादसे चिंता का विषय बन गए हैं। पिछले तीन दिनों में हुए दो अलग-अलग हादसों में पांच लोगों की जान चली गई है। इन दोनों हादसों में कारें एक्सप्रेसवे पर खड़े भारी वाहनों से टकरा गईं। सुबह हुआ हादसा मथुरा जिले की सीमा का बताया जा रहा है, जिसमें नोएडा से आगरा की ओर आ रही एक कार नौहझील क्षेत्र में एक्सप्रेसवे पर खड़े एक आयशर कैंटर में पीछे जा घुसी। हादसे में कार में सवार बुजुर्ग गोपीनाथ और उनकी पत्नी उर्मिला की मौके पर ही मौत हो गई जबकि उनका बेटा आशीष गंभीर रूप से घायल हुआ है, जिसका मथुरा के जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है।

क्या हैं हादसों के कारण?

माना जा रहा है कि सुबह के वक्त एक्सप्रेसवे पर धुंध की वजह से सड़क किनारे खड़े वाहन तेजी से दौड़ते दूसरे वाहनों को दिखाई नहीं पड़ते। अक्सर कारें खड़े वाहनों में पीछे से जा घुसती हैं।

हाल के हादसे

  • तीन दिन पहले: राया थाना क्षेत्र में एक वैगन आर कार एक्सप्रेसवे पर खड़े ट्रेलर में जा घुसी थी। इस हादसे में बनारस से दिल्ली जा रहे पांच युवकों में से तीन की मौत हो गई थी।
  • आज सुबह: नौहझील क्षेत्र में एक कार एक आयशर कैंटर में पीछे से जा घुसी। इस हादसे में गुरुग्राम से आगरा आ रहा एक परिवार सवार था। कार में सवार बुजुर्ग दंपति की मौत हो गई और उनका बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया।

कैसे रोके जा सकते हैं ये हादसे?

  • धुंध में धीमी गति: धुंध के मौसम में वाहन चालकों को धीमी गति से वाहन चलाना चाहिए।
  • हेडलाइट्स का इस्तेमाल: धुंध में हेडलाइट्स का इस्तेमाल करना अनिवार्य है।
  • सुरक्षित दूरी बनाए रखें: वाहनों के बीच सुरक्षित दूरी बनाए रखें।
  • खड़े वाहनों से दूर रहें: एक्सप्रेसवे पर खड़े वाहनों से सुरक्षित दूरी बनाकर चलें।

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