21 अगस्त को धुमरी में दबंगों ने दिनदहाड़े घटना को दिया था अंजाम
प्रदीप यादव जैथरा, एटा
एटा: छोटी-छोटी घटनाओं के खुलासे एवं गिरफ्तारी पर सराहनीय कार्य का प्रेसनोट जारी कर पीठ थप-थपाने वाली जैथरा पुलिस ने बिजली विभाग की टीम पर हमला करने के एक आरोपी को गुपचुप तरीके से जेल भेज दिया। पुलिस ने आरोपी को जेल भेजने की किसी को भी कानोंकान भनक तक नहीं लगने दी। जबकि मुख्य आरोपी सहित अन्य आरोपी पुलिस की गिरफ्त से दूर है। एक आरोपी को गुपचुप ढंग से जेल भेजने के तरीके से थाना पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े हो गए हैं।
बता दें, बीते सप्ताह 21 अगस्त को अधिशासी अभियंता वैष्णव आनंद के नेतृत्व में विद्युत विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीमों ने धुमरी में चेकिंग अभियान चलाया था। टीम में जिले के दूसरों विद्युत उपकेंद्रों पर तैनात जेई व कर्मी भी शामिल थे। टीम डोर टू डोर चेकिंग कर रहे थी। टीम ने उपभोक्ता बंटी के यहां चेकिंग की, तो पता चला कि मीटर का तार अलग से घर के अंदर जा रहा है। लाइनमैन जयवीर ने बिल जमा करने और लाइन सही करने को कहा तो वहां मौजूद बंटी उसे पीटने लगा।
टीम के सदस्यों ने बचाने का प्रयास किया, तो डंडा लेकर अवर अभियंता गुलशन कुमार को पीटते हुए जातिसूचक शब्द बोलने लगा। इसके साथ ही फोन करके 20-25 लोगों को बुला लिया और गुलशन कुमार को बुरी तरह से पीटने लगा। अवर अभियंता धर्मेंद्र कुमार ने बचाने का प्रयास किया तो उनका मोबाइल छीनकर तोड़ दिया और बंधक बना लिया। हमलावरों से किसी तरह बच कर पहुंचे टीम ने थाना जैथरा में तीन नामजद सहित 20 अज्ञात लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई थी। थाना पुलिस ने घटना के बाद नामजद आरोपियों में से एक आरोपी दिलीप को किसी दिन गुपचुप ढंग से जेल भेज दिया।
थाना पुलिस ने अपने इस सराहनीय कार्य के सम्बंध में कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस तो दूर, पुलिस विभाग के अधिकृत पीआरओ ग्रुप में कोई प्रेसनोट तक जारी नहीं कराया। जबकि पुलिस अफसरों द्वारा हर छोटे से छोटे मामले की प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी साझा की जाती है, जबकि इतने बड़े मामले में आरोपी की गिरफ्तारी की जानकारी साझा करने से परहेज किया गया। जैथरा पुलिस की इस कार्यशैली से सवाल खड़े हो गए हैं। पुलिस के इस कृत्य को आरोपियों से ‘प्रेम’ के रूप में देखा जा रहा है।
वहीं, विद्युत विभाग के अधिकारी इस प्रकरण को आरोपियों की ऊंची पहुंच एवं पुलिस से मिलीभगत के रूप में देख रहे हैं। एक आरोपी को गुपचुप जेल भेजने के बाद पुलिस शांत बैठी नजर आ रही है। पुलिस अभी तक मुख्य आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। बताते हैं कि मुख्य आरोपी ग्राम प्रधान है और उसकी राजनीतिक पहुंच है। इसलिए पुलिस उस पर हाथ डालने से कतरा रही है। इसे महज संयोग की कहा जाएगा कि मुख्य आरोपी एवं थानाध्यक्ष व स्थानीय विधायक सजातीय हैं। जनता इसे दूसरे नजरिये से देख रही है।
एसओ राजकुमार सिंह का कहना है कि एक आरोपी दिलीप को जेल भेज दिया है। अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस दबिश दे रही है।
कम होती नहीं दिख रहीं जैथरा पुलिस की मुश्किलें
जैथरा थाने में वादी को गंगाजल लेकर कसम खिलाने का मामला अभी थमा भी नहीं है, कि जेई के हमलावर को गुपचुप ढंग से जेल भेजने का नया मामला सामने आ गया है। गंगाजल लेकर कसम खिलाने का मामला पूरे प्रदेश में सुर्खियां बटोर रहा है। मामले की गंभीरता के दृष्टिगत अफसरों ने कसम प्रकरण में जांच भी बैठा दी है। लगातार सामने आ रहे मामलों से थाना पुलिस की काफी किरकिरी हो रही है। थानाध्यक्ष की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं।