उमा भारती अब कहलाएंगी दीदी मां, पूर्व मुख्यमंत्री ने किया परिजनों का परित्याग

Dharmender Singh Malik
5 Min Read

भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की फायर ब्रांड नेता उमा भारती ने बड़ा ऐलान किया है। उमा भारती ने 17 नवंबर से परिवारजनों से सभी तरह के संबंध समाप्त कर विश्व को अपना परिवार बनाने का फैसला किया है। अब उमा भारती नाम से भारती हट जाएगा और अब उमा दीदी मां कहलाएंगी। उमा भारती ने सोशल मीडिया पर एक के बाद एक 17 पोस्ट किए। उमा ने लिखा कि मेरी संन्यास दीक्षा के समय पर मेरे गुरु ने मुझसे एवं मैंने अपने गुरु से तीन-तीन प्रश्न किए। उसके बाद ही मेरी संन्यास की दीक्षा हुई।

सोशल मीडिया पर उमा भारती ने लिखा कि गुरु ने उनसे तीन प्रश्न किए। (1) 1977 में आनंदमयी मां के द्वारा प्रयाग के कुंभ में ली गई ब्रह्मचर्य दीक्षा का क्या मैंने अनुसरण किया है? (2) क्या प्रत्येक गुरु पूर्णिमा को मैं उनके पास पहुंच सकूंगी? (3) मठ की परंपराओं का आगे अनुसरण कर सकूंगी? तीनों प्रश्नों के उत्तर में स्वीकारोक्ति के बाद उमा भारती ने गुरु से तीन प्रश्न किए- (1) क्या उन्होंने ईश्वर को देखा है? (2) मठ की परंपराओं के अनुसरण में मुझसे कभी कोई भूल हो गई तो क्या मुझे उनका क्षमादान मिलेगा? (3) क्या मुझे आज से राजनीति एवं परिवार त्याग देना चाहिए? पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा कि पहले दो प्रश्नों के अनुकूल उत्तर गुरु से मिलने के बाद मेरे तीसरे प्रश्न का उनका उत्तर जटिल था। मेरे परिवार से संबंध रह सकते हैं किंतु करुणा एवं दया, मोह या आसक्ति नहीं। देश के लिए राजनीति करनी पड़ेगी। राजनीति में मैं जिस भी पद पर रहूं मुझे एवं मेरी जानकारी में मेरे सहयोगियों को रिश्वतखोरी एवं भ्रष्टाचार से दूर रहना होगा।

See also  पुलिस विभाग को ठेंगा दिखाते हुए 2 आईपीएस अधिकारी, बिना छुट्टी लिए 2 बार 15 दिन के लिए गायब

पिता खुशहाल किसान थे
उन्होंने आगे लिखा कि इसके बाद मेरी सन्यास दीक्षा हुई, मेरा मुंडन हुआ, मैंने स्वयं का पिंडदान किया एवं मेरा नया नामकरण संस्कार हुआ मैं उमा भारती की जगह उमाश्री भारती हो गई। मैं जिस जाति, कुल एवं परिवार में पैदा हुई उस पर मुझे गर्व है। मेरे निजी जीवन एवं राजनीति में वह मेरा आधार एवं सहयोगी बने रहे। हम चार भाई और दो बहनें थे। उनमें से तीन का स्वर्गारोहण हुआ है। मेरे पिता गुलाब सिंह लोधी एक खुशहाल किसान थे। मेरी मां बेटी बाई कृष्णभक्त परम सात्विक जीवन जीने वाली महिला थीं। मैं घर में सबसे छोटी हूं, यद्यपि मेरे पिता के अधिकतर मित्र कम्युनिस्ट थे। किंतु मुझसे ठीक बड़े भाई अमृत सिंह लोधी, हर्बल सिंह लोधी, स्वामी प्रसाद लोधी तथा कन्हैयालाल लोधी सभी जनसंघ एवं भाजपा से मेरे राजनीति में आने से पहले ही जुड़ गए थे।

See also  पश्चिम बंगाल के पूर्व गवर्नर केसरीनाथ त्रिपाठी का निधन

परिवार ने बहुत कष्ट उठाए
उमा ने लिखा कि मेरे अधिकतर भतीजे बाल स्वयंसेवक हैं। मुझे गर्व है कि मेरे परिवार ने ऐसा कोई काम नहीं किया, जिससे मेरा लज्जा से सिर झुके। इसके उलट उन्होंने मेरी राजनीति के कारण बहुत कष्ट उठाए। उन लोगों पर झूठे केस बने। उन्हें जेल भेजा गया। मेरे भतीजे हमेशा सहमे हुए-से एवं चिंतित-से रहे कि उनके किसी कृत्य से मेरी राजनीति न प्रभावित हो जाए। वह मेरे लिए सहारा बने रहे और मैं उन पर बोझ बनी रही। संयोग से जैन मुनि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज भी कर्नाटक के हैं। अब वही मेरे लिए गुरु स्थान पर हैं। उन्होंने मुझे आज्ञा दी है कि समस्त निजी संबंधों एवं संबोधनों का परित्याग करके मैं मात्र दीदी मां कहलाऊं एवं अपने भारती नाम को सार्थक करने के लिए भारत के सभी नागरिकों को अंगीकार करूं। संपूर्ण विश्व समुदाय ही मेरा परिवार बने।

See also  अतीक अहमद ने भाई अशरफ को दी थी जिम्मेदारी, चौथे प्रयास में उमेश को उतारा मौत के घाट

17 तारीख को परिवार के बंधनों से मुक्त हो जाऊंगी
उन्होंने आगे लिखा कि मैंने भी निश्चय किया था कि अपने सन्यास दीक्षा के 30वें वर्ष के दिन मैं उनकी आज्ञा का पालन करने लग जाऊंगी। यह आज्ञा उन्होंने मुझे दिनांक 17 मार्च, 2022 को रहली, जिला सागर में सार्वजनिक तौर पर माइक से घोषणा करके सभी मुनिजनों के सामने दी थी। मैं अपने परिवार जनों को सभी बंधनों से मुक्त करती हूं एवं मैं स्वयं भी 17 तारीख को मुक्त हो जाऊंगी। मेरा संसार एवं परिवार बहुत व्यापक हो चुका है। अब मैं सारे विश्व समुदाय की दीदी मां हूं। मेरा निजी कोई परिवार नहीं है। अपने माता-पिता के दिए हुए उच्चतम संस्कार, अपने गुरु की नसीहत, अपनी जाति एवं कुल की मर्यादा, अपनी पार्टी की विचारधारा तथा अपने देश के लिए मेरी जिम्मेदारी इससे मैं अपने आप को कभी मुक्त नहीं करूंगी।

See also  BREAKING NEWS : रामनवमी के दिन हुआ बड़ा हादसा, बावड़ी में गिरे कई श्रद्धालु, मंदिर में मची अफरा-तफरी…
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a comment

Leave a Reply

error: AGRABHARAT.COM Copywrite Content.