रांची/आगरा: पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के मौके पर, उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने रांची में आयोजित एक भव्य रोड शो में प्रयागराज कुंभ-2025 के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई। इस अवसर पर उन्होंने महाकुंभ के आयोजन को भारत की सांस्कृतिक एकता और आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक बताते हुए राज्यपाल संतोष गंगवार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झारखंड की जनता को महाकुंभ में आमंत्रित किया।
योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि महाकुंभ 2025 न केवल एक धार्मिक आयोजन होगा, बल्कि यह भारतीय संस्कृति की भव्यता और एकता का एक वैश्विक उत्सव होगा। उन्होंने कहा कि इस महाकुंभ में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है और इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने समयबद्ध तरीके से सभी व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया है।
दिव्य और भव्य महाकुंभ की तैयारी
योगेंद्र उपाध्याय ने महाकुंभ-2025 के आयोजन की विशेषताओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि यह महाकुंभ न केवल दिव्य और भव्य होगा, बल्कि इसे डिजिटल रूप में भी आयोजित किया जाएगा। डिजिटल तकनीक का उपयोग करते हुए, महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या की ट्रैकिंग की जाएगी। इसके लिए एआई चैट बॉट, क्यूआर आधारित पास, बहुभाषीय डिजिटल सिस्टम और ड्रोन आधारित निगरानी जैसे आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा, श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य देखभाल के लिए बड़े पैमाने पर चिकित्सकों की तैनाती की जाएगी और 100 बिस्तरों का अस्पताल भी स्थापित किया जाएगा।
स्वच्छ, स्वस्थ और सुरक्षित महाकुंभ
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस महाकुंभ को स्वच्छ, स्वस्थ और सुरक्षित बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। यह सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त होगा और हरियाली बढ़ाने के लिए तीन लाख पौधों का रोपण भी किया जाएगा। साथ ही, स्मार्ट पार्किंग की व्यवस्था के तहत 101 पार्किंग क्षेत्रों में प्रतिदिन पांच लाख वाहनों की पार्किंग की सुविधा होगी।
44 घाटों पर होगी पुष्प वर्षा
महाकुंभ में 44 घाटों पर विशेष आयोजन किए जाएंगे, जिनमें से 9 नए पक्के घाट होंगे। इन घाटों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की जाएगी, जिससे श्रद्धालुओं को विशेष अनुभव प्राप्त होगा। इसके साथ ही, शुद्ध पेयजल, इंट्रीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर और रिवर फ्रंट जैसी सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी।
ट्रैकिंग के लिए आधुनिक तकनीक
महाकुंभ-2025 में श्रद्धालुओं की ट्रैकिंग के लिए तीन प्रमुख तकनीकी विधियों का इस्तेमाल किया जाएगा। एट्रिब्यूट आधारित खोज, आरएफआईडी रिस्ट बैंड और मोबाइल ऐप के माध्यम से श्रद्धालुओं की लोकेशन ट्रैक की जाएगी। इन उपायों से हर श्रद्धालु की संख्या की सही जानकारी सुनिश्चित की जाएगी।
80 गणमान्य व्यक्तियों ने लिया भाग
रांची में आयोजित इस कार्यक्रम में लगभग 80 प्रमुख व्यक्तियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया, जिनमें वरिष्ठ पत्रकार, ट्रैवल और टूर ऑपरेटर, इंफ्लूएंसर और क्षेत्र के उद्योगपति शामिल थे। सभी ने महाकुंभ के आयोजन को सफल बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की योजनाओं का समर्थन किया।