द्वारिकाधीश मंदिर में जन्माष्टमी पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस विशेष अवसर पर मंदिर प्रशासन ने भक्तों की सुविधा के लिए दर्शन समय में कुछ बदलाव किए हैं। मंदिर के मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी के अनुसार, 25 अगस्त को मंगला दर्शन सुबह 6:30 बजे होंगे। ग्वाल और शृंगार के दर्शन एक साथ होंगे। बाकी सभी दर्शन निर्धारित समय के अनुसार होंगे। 26 अगस्त को जन्माष्टमी के दिन मंगला दर्शन सुबह 6 बजे से 6:15 बजे तक होंगे। इसके बाद पंचामृत अभिषेक, शृंगार आदि दर्शन होंगे। शाम को उत्थापन के दर्शन 7:30 बजे से होंगे। रात 10 बजे से जागरण के दर्शन होंगे और रात 11:45 पर जन्म के दर्शन होंगे। 27 अगस्त को जन्माष्टमी के अगले दिन, आराध्य के पट सुबह 10 बजे खुलेंगे और भक्तों को नंद महोत्सव के दर्शन होंगे। शाम 4:30 से 5 बजे तक शयन के दर्शन के बाद मंदिर के पट बंद हो जाएंगे।
द्वारिकाधीश मंदिर के मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी ने जानकारी दी है कि जन्माष्टमी पर्व को लेकर मंदिर की तैयारियाँ पूरी हो चुकी हैं और दर्शन के समय में बदलाव किया गया है।
जन्माष्टमी के अवसर पर ठाकुर द्वारिकाधीश मंदिर में दर्शन का समय बदला गया है। 26 अगस्त को जन्माष्टमी के दिन मंदिर के दर्शन सुबह 6:00 से 6:15 बजे तक मंगला दर्शन होंगे, जो सामान्य समय से 30 मिनट पहले होंगे। इसके बाद पंचामृत अभिषेक का दर्शन 6:30 बजे होगा और आराध्य के शृंगार दर्शन लगभग 8:30 बजे से प्रारंभ होंगे। दिनभर के कार्यक्रमों में ज्योतिषाचार्य अजय कुमार तैलंग द्वारा जन्मपत्रिका का वाचन होगा। शाम को उत्थापन के दर्शन 7:30 बजे से होंगे, इसके बाद रात 10 बजे से जागरण के दर्शन और रात 11:45 बजे जन्म के दर्शन होंगे।
27 अगस्त को जन्माष्टमी के दिन देर रात आराध्य के जागरण के कारण सुबह 10 बजे से मंदिर के पट खुलेंगे, जहाँ भक्त नंद महोत्सव के दर्शन कर सकेंगे। शाम 4:30 से 5:00 बजे तक शयन के दर्शन होंगे और इसके बाद मंदिर के पट बंद कर दिए जाएंगे।
राकेश तिवारी ने बताया कि 27 अगस्त को सुबह मंगला, शृंगार और ग्वाल के दर्शन नहीं होंगे, बल्कि सीधा 10 बजे नंद महोत्सव के दर्शन उपलब्ध होंगे।