आगामी 5 सालों में 1.40 करोड़ नौकरियों की कमी, डिजिटल कॉमर्स, शिक्षा और कृषि में वृद्धि के अवसर: वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम रिपोर्ट

Dharmender Singh Malik
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बढ़ती तकनीक की वजह से नौकरियां जाएंगी

दुनिया में नौकरियों के परिदृश्य में तेजी से बदलाव हो रहे हैं। विश्व आर्थिक मंच की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले पांच सालों में लाखों नौकरियां खत्म हो सकती हैं। लेकिन चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि नई तकनीकों के उभार के साथ नए रोजगार के अवसर भी पैदा हो रहे हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, डिजिटल व्यापार, शिक्षा, और कृषि जैसे क्षेत्रों में भविष्य में नौकरियों की संख्या में वृद्धि होगी। हालांकि, कई पारंपरिक नौकरियां ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कारण प्रभावित हो सकती हैं। इसका मतलब है कि कर्मचारियों को नई कुशलताएं सीखने के लिए तैयार रहना होगा।

बढ़ती तकनीक की वजह से नौकरियां जाएंगी

वल्र्ड इकोनॉमिक फोरम ने यह रिपोर्ट दुनियाभर की 803 कंपनियों पर सर्वे करने के बाद तैयार की है। इसमें कहा गया है कि जैसा कि समझा जा रहा है कि बढ़ती तकनीक की वजह से नौकरियां जाएंगी। यह पूरा सच नहीं है। नौकरियों की संख्या में कमी होने की और भी कई वजहें हैं। इनमें एक बड़ी वजह कौशल की कमी है। नई तरह की नौकरियों में नए स्किल्स की जरूरत है। इसके लिए तैयारी नहीं है।

कौशल विकास की अहमियत

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि लगभग आधे कर्मचारियों को अपनी नौकरी बचाने के लिए नए कौशल सीखने होंगे। डिजिटल मार्केटिंग, डेटा विश्लेषण, और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में कुशल लोगों की मांग तेजी से बढ़ रही है।

भारत में स्थिति

भारत में भी यह बदलाव देखने को मिल रहा है। देश में लगभग 22% नौकरियों में बदलाव की संभावना है। डिजिटल अर्थव्यवस्था के विकास के साथ, ई-कॉमर्स और ऑनलाइन शिक्षा जैसे क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं।

डिजिटल कॉमर्स में करीब 20 लाख और नौकरियां बढ़ेंगी

अगले 5 सालों में डिजिटल कॉमर्स में करीब 20 लाख और नौकरियां बढ़ेंगी। हालांकि सबसे ज्यादा ्रढ्ढ और मशीन लर्निंग विशेषज्ञों की जरूरत बढ़ेगी। सूचना सुरक्षा विशेषज्ञों, बिजनेस एनालिस्ट की नौकरियों में लगातार इजाफा होगा, लेकिन 2027 तक 10 में से 6 कर्मचारियों को खास ट्रेनिंग की जरूरत पड़ेगी।

भविष्य की तैयारी

इस बदलते हुए परिदृश्य में सफल होने के लिए, व्यक्तियों को जीवन भर सीखने के लिए तैयार रहना होगा। सरकारों और कंपनियों को भी कर्मचारियों को नए कौशल विकसित करने में मदद करने के लिए कार्यक्रम चलाने चाहिए।

नौकरियों का भविष्य अनिश्चित है, लेकिन यह निश्चित है कि परिवर्तन अपरिहार्य है। जो लोग नए कौशल सीखने और बदलते हुए परिस्थितियों के अनुकूल होने में सक्षम होंगे, वे ही भविष्य में सफल होंगे।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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