हवाई। अमेरिका के हवाई में जंगलों में लगी आग बुझने का नाम ही नहीं ले रही है। जितना इसे रोकने की कोशिश हो रही है यह उतनी ही विकराल होती जा रही है। आग में जलने से अब तक 89 लोगों की मौत हो चुकी है। जानकारी के अनुसार माउई द्वीप पर बसा पूरा लहानिया शहर इस आग की चपेट में आ चुका है। यह अमेरिका के 100 साल के इतिहास में सबसे घातक आग बन गई है। हालांकि हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है।
आग में फंसे लोगों का कहना है कि वह मरने के लिए मजबूर हैं। इमरजेंसी टीमें लगातार लाहिना के जंगलों की तलाशी में लगी हुई हैं, जिसमें पता लगाया जा रहा है कि कहीं कोई और आग से घिरा तो नहीं हैं। इसके साथ ही अधिकारी अब ये पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि ऐतिहासिक रिसॉर्ट शहर में आग इतनी तेजी से कैसे फैल गई। माउई के हवाई द्वीप में लगी जंगल की इस आग में भारत से भेजा गया करीब 150 साल पुराना बरगद का पेड़ भी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है।
इस आग में बचे हुए शख्स ने बताया कि वह अपनी पत्नी के साथ वैन के पीछे खड़ा था। तभी आग की लपटों और घुटन भरे काले धुएं ने उन्हें घेर लिया। लोग दौड़ रहे थे और चिल्ला रहे थे। इसी बीच धमाकों की गूंज उठी। उसने कहा कि अब मैंने सोचा कि मरने के लिए तैयार रहना होगा। इस बीच मैंने अपनी मां को फोन किया और बताया कि उनसे कितना प्यार करता हूं। फिर अपने भाई से और बेटी से बात की।
अधिकारियों ने बताया कि माउई जंगल की आग से मरने वालों की संख्या अब 89 हो गई है। यह अमेरिका के 100 साल के इतिहास की सबसे भीषण प्राकृतिक आपदा साबित हुई है। इससे पहले हवाई के अमेरिकी राज्य बनने के बाद साल 1960 में आई सुनामी में 61 लोगों की मौत हुई थी। हालांकि साल 2018 में कैलिफोर्निया के पैराडाइज शहर में 85 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।