शपथ ग्रहण का समारोह
शपथ ग्रहण समारोह में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ब्रेट कवनुघ ने जे.डी. वेंस को उपराष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। इसके बाद, चीफ जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स ने डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। इस समारोह में ट्रंप के परिवार के सदस्य जैसे इवांका ट्रंप, डोनाल्ड ट्रंप जूनियर, टिफ़नी ट्रंप, एरिक ट्रंप और बैरन ट्रंप भी शामिल हुए।
ट्रंप का शपथ ग्रहण और भविष्य की योजनाएँ
ट्रंप ने शपथ ग्रहण के बाद अपने पहले दिन करीब 100 कार्यकारी आदेश जारी करने का संकल्प लिया है। इनमें से कई आदेश पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा लागू किए गए आदेशों को पलटने या समाप्त करने से संबंधित होंगे। ट्रंप ने इमिग्रेशन से जुड़े कड़े कदम उठाने की योजना बनाई है, जिसमें राष्ट्रीय सीमाओं पर कड़े कानून लागू करना और वीजा नियमों को सख्त करना शामिल हो सकता है।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की उपस्थिति
इस ऐतिहासिक शपथ ग्रहण समारोह में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष दूत के रूप में भाग लिया। जयशंकर ने ट्रंप के लिए प्रधानमंत्री मोदी का एक खास पत्र भी साथ लाया। भारत की परंपरा के अनुसार, राष्ट्राध्यक्षों के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए विशेष दूत भेजे जाते हैं, और यह भारत की सामान्य कूटनीतिक परंपरा का हिस्सा है।
अमेरिकी सुरक्षा व्यवस्था में कड़ी तैयारी
शपथ ग्रहण समारोह को लेकर सुरक्षा व्यवस्था अत्यधिक कड़ी रखी गई थी। वाशिंगटन डीसी में 25,000 से अधिक कानून प्रवर्तन और सैन्य कर्मियों को तैनात किया गया था। इसके अलावा, 30 मील से अधिक एंटी-स्केल बाड़ लगाए गए थे ताकि समारोह के दौरान किसी भी तरह की अप्रत्याशित घटना से बचा जा सके।
विशाल भीड़ और ग्लोबल हस्तियों की मौजूदगी
वाशिंगटन डीसी में शपथ ग्रहण समारोह के दौरान लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली। यू.एस. कैपिटल रोटुंडा बिल्डिंग के बाहर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे। इस समारोह में कई अंतर्राष्ट्रीय हस्तियाँ भी शामिल हुईं, जिनमें राजनयिक, वरिष्ठ अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल थे।
जो बाइडेन का आखिरी दिन और माफी का निर्णय
जो बाइडेन ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिन तीन व्यक्तियों को माफी दी, जिसमें एंथनी फौसी, मार्क मिली और 6 जनवरी समिति के सदस्य शामिल थे। यह कदम राष्ट्रपति पद की शक्ति के असाधारण उपयोग का हिस्सा था, जिसे बाइडेन ने अंतिम दिन लिया।
ट्रंप के शपथ ग्रहण के बाद पुतिन से बात करने का संकेत
डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी टीम को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ एक फोन कॉल की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। ट्रंप का कहना था कि यह कॉल उनके शपथ ग्रहण के तुरंत बाद होना चाहिए, जिससे दोनों देशों के बीच संबंधों पर चर्चा की जा सके।
ट्रंप के शपथ ग्रहण के लिए रिकॉर्ड फंडिंग
डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के लिए 250 मिलियन डॉलर की रिकॉर्ड फंडिंग प्राप्त हुई, जो इस समारोह को ऐतिहासिक और भव्य बनाने के लिए इस्तेमाल की गई।
पोप फ्रांसिस की प्रार्थना
ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले, पोप फ्रांसिस ने उनके लिए प्रार्थना की। पोप ने कहा, “हम प्रार्थना करते हैं कि अमेरिका एक ऐसे समाज का निर्माण करे, जिसमें घृणा, भेदभाव या बहिष्कार के लिए कोई जगह न हो।”
अर्थव्यवस्था पर असर
ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले, अमेरिकी शेयर बाजार में मामूली उतार-चढ़ाव देखने को मिला। भारतीय शेयर बाजार में भी इस दिन सपाट कारोबार हुआ, जिसमें सेंसेक्स और निफ्टी में हल्की बढ़ोतरी देखी गई।
डोनाल्ड ट्रंप का दूसरा कार्यकाल अमेरिका के राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। उनकी शपथ ग्रहण के बाद कई नई नीतियों और कड़े कदमों का ऐलान हो सकता है, जो अमेरिका के आंतरिक और बाहरी संबंधों को प्रभावित करेंगे। इस बीच, ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह ने अमेरिका और पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है, और आगामी समय में उनके कार्यकाल के बारे में बहुत कुछ देखने को मिलेगा।