डांस करते हुए रील बनाई तो लड़कियां हुई अरेस्ट, अब मिलेगी कोड़े खाने की सजा

ईरान में युद्ध स्मारक पर नृत्य करने के बाद दो लड़कियों की गिरफ्तारी, महिलाओं का विरोध तेज

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डांस करते हुए रील बनाई तो लड़कियां हुई अरेस्ट, अब मिलेगी कोड़े खाने की सजा
तेहरान: ईरान में एक युद्ध स्मारक पर नृत्य करने का वीडियो वायरल होने के बाद दो लड़कियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह वीडियो इंस्टाग्राम पर शेयर किया गया था, जिसमें दोनों लड़कियां ईरान-इराक युद्ध के सैनिकों को समर्पित सैक्रेड डिफेंस वॉर मेमोरियल पर नृत्य करती नजर आईं। इस वीडियो के सामने आने के बाद ईरानी अधिकारियों ने इसे अशोभनीय मानते हुए आरोप लगाया कि इस प्रकार का सार्वजनिक नृत्य और पहनावा सार्वजनिक शालीनता के खिलाफ है।

क्या था वीडियो में?

डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, वीडियो में दोनों लड़कियां जींस पहनकर नृत्य कर रही थीं। एक लड़की ने बुने हुए स्वेटर के ऊपर कार्डिगन पहना था, जबकि दूसरी ने नीले रंग का टॉप पहना था। ईरानी अधिकारियों के मुताबिक, इन लड़कियों का पहनावा अशोभनीय था और इसके खिलाफ कार्रवाई की गई। उनके इंस्टाग्राम अकाउंट भी बंद कर दिए गए। इस घटना के बाद, कई ईरानी महिलाएं इस सख्ती के खिलाफ विरोध करते हुए अपने नृत्य वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने लगीं।

ईरान में नृत्य पर प्रतिबंध

ईरान में सार्वजनिक स्थानों पर नृत्य करना, चाहे वह महिला हो या पुरुष, दंडनीय अपराध माना जाता है। ईरान के दंड संहिता के अनुच्छेद 637 के तहत सार्वजनिक शालीनता के खिलाफ नृत्य करने पर सजा के रूप में 99 कोड़े मारे जा सकते हैं। यह पहली बार नहीं है जब ईरान में किसी को नृत्य करने के लिए कठोर सजा का सामना करना पड़ा हो। 2014 में, छह युवाओं को फ़ारेल विलियम्स के गाने “हैप्पी” पर नृत्य करने के लिए एक साल की निलंबित जेल और 91 कोड़ों की सजा सुनाई गई थी।

महिलाओं के अधिकारों के लिए विरोध

ईरान में महिलाएं और लड़कियां अपने अधिकारों के लिए लगातार संघर्ष कर रही हैं। 2022 में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान, स्कूल की छात्राओं ने पाठ्यपुस्तकों को फाड़ दिया और धार्मिक नेताओं के चित्रों को नष्ट कर दिया था। कई महिलाएं और लड़कियां अपने सिर के स्कार्फ को हवा में लहराकर इसे इस्लामिक शासन के खिलाफ विरोध का प्रतीक बना चुकी हैं।

ईरान में महिलाओं की स्थिति और संघर्ष

ईरान में महिलाओं के लिए सख्त ड्रेस कोड और अन्य प्रतिबंधों का पालन करना अनिवार्य है, जिसे लेकर महिलाएं लगातार आवाज उठा रही हैं। 2024 में एक 16 वर्षीय लड़की, अरज़ू खवारी ने आत्महत्या कर ली थी क्योंकि उसे स्कूल से यह धमकी मिली थी कि यदि उसने बिना हिजाब के नृत्य किया, तो उसे निष्कासित कर दिया जाएगा। अरज़ू अफगान नागरिक थी और तेहरान के शाहरारी शहर में रहती थी। वह लंबे समय से स्कूल की कठोर ड्रेस कोड नीति और उत्पीड़न का शिकार थी।

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