पद्म श्री प्रो. बी. के. एस. संजय का नाम एक बार फिर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में दर्ज

By admin
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दीपक शर्मा

देहरादून के जाने-माने ऑर्थोपेडिक सर्जन और पद्म श्री से सम्मानित प्रो. बी. के. एस. संजय का नाम एक बार फिर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में दर्ज हुआ है। उन्हें दुनिया के 23 चेंज मेकर्स में से एक के रूप में चुना गया है। यह सम्मान उन्हें उनके उत्कृष्ट चिकित्सीय, सामाजिक और अन्य कार्यों के लिए दिया गया है।

प्रो. संजय ने 2005 में दुनिया के सबसे बड़े जांघ के बोन के ट्यूमर का सफल ऑपरेशन करके पहली बार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में अपना नाम दर्ज कराया था। यह ट्यूमर 16 किलोग्राम से अधिक वजनी था और 45 सेंटीमीटर लंबा और 30 सेंटीमीटर चौड़ा था। इस ऑपरेशन के लिए उन्हें दुनियाभर में प्रशंसा मिली थी।

प्रो. संजय एक प्रतिष्ठित ऑर्थोपेडिक सर्जन हैं और उन्होंने अपने क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं। उन्होंने कई नए तकनीकों और प्रक्रियाओं का विकास किया है जो ऑर्थोपेडिक सर्जरी को अधिक सुरक्षित और प्रभावी बनाती हैं। उन्होंने कई शोध पत्र भी प्रकाशित किए हैं और कई सम्मेलनों में भाग लिया है।

प्रो. संजय सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय हैं। उन्होंने कई गैर-सरकारी संगठनों के साथ काम किया है जो गरीब और जरूरतमंद लोगों को चिकित्सा सहायता प्रदान करते हैं। उन्होंने कई अभियानों का भी नेतृत्व किया है जो लोगों को स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं।

प्रो. संजय का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में चयन भारत के लिए गर्व की बात है। यह उनके उत्कृष्ट योगदानों को मान्यता देता है।

पद्म श्री प्रो. बी. के. एस. संजय

प्रो. संजय के बारे में कुछ रोचक तथ्य

  • वह देहरादून के एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं।

  • उन्होंने 1982 में दिल्ली के एम्स से एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त की।

  • उन्होंने 1986 में लंदन के रॉयल कॉलेज ऑफ सर्जन्स से ऑर्थोपेडिक सर्जरी में डिग्री प्राप्त की।

  • वह वर्तमान में देहरादून के एक निजी अस्पताल में ऑर्थोपेडिक सर्जन के रूप में कार्यरत हैं।

  • उन्हें 2016 में भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।

प्रो. संजय के कार्यों से प्रेरित होकर कई युवाओं ने ऑर्थोपेडिक सर्जरी के क्षेत्र में अपना करियर बनाया है। वह एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व हैं और उन्होंने अपने कार्यों से दुनिया भर के लोगों को प्रभावित किया है।

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