चुनाव से पहले राम रहीम को मिली 30 दिन की पैरोल, सिरसा डेरा जाने की पहली बार मिली अनुमति

Saurabh Sharma
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चुनाव से पहले राम रहीम को मिली 30 दिन की पैरोल, सिरसा डेरा जाने की पहली बार मिली अनुमति

चंडीगढ़: डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख, गुरमीत राम रहीम सिंह को एक बार फिर से पैरोल मिल गई है। राजधानी दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव और हरियाणा के नगर निकाय चुनाव से पहले, राम रहीम को 30 दिन की पैरोल पर बाहर जाने की अनुमति मिली है। इस बार, उन्हें सिरसा डेरा जाने की पहली बार अनुमति दी गई है। मंगलवार सुबह लगभग 6:00 बजे, राम रहीम रोहतक स्थित सुनारिया जेल से बाहर निकले।

पैरोल पर बाहर आने की स्थिति

राम रहीम की पैरोल की यह 12वीं बार है जब वह जेल से बाहर आए हैं। उन्हें 2017 में साध्वियों से यौन शोषण और हत्या के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद जेल में डाला गया था। इस बार, उन्हें सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा में जाने की अनुमति दी गई है, जो कि उनके समर्थकों के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है। इससे पहले, राम रहीम 11 बार उत्तर प्रदेश के बरनावा आश्रम में रहे हैं, लेकिन सिरसा में यह उनकी पहली उपस्थिति है।

राम रहीम का संदेश

सिरसा पहुंचने के बाद, राम रहीम ने अपने समर्थकों के लिए एक वीडियो जारी किया। उन्होंने कहा, “परमात्मा की कृपा से, मैं आपके दर्शन करने और आपकी सेवा में यहां आया हूं। इस बार मैं सिरसा शाह सतनाम जी धाम में आया हूं।” उन्होंने अपने अनुयायियों से अपील की कि वे सिरसा में न आएं और अपने-अपने स्थानों पर रहें। साथ ही उन्होंने कहा कि जो भी सेवादार जैसा निर्देश देंगे, उसे सभी को पालन करना चाहिए। अंत में, राम रहीम ने सभी को आशीर्वाद देते हुए कहा, “भगवान आप सबको खुशियां दें और बहुत-बहुत आशीर्वाद।”

राजनीतिक नजरिए से पैरोल की अहमियत

चुनाव के समय राम रहीम का पैरोल पर बाहर आना एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है। खासकर हरियाणा और दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। डेरा सच्चा सौदा का एक बड़ा और समर्पित अनुयायी वर्ग है, जो राम रहीम को अपनी धार्मिक और राजनीतिक ताकत के रूप में देखता है। ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि राम रहीम का पैरोल पर बाहर आना चुनावों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

राम रहीम की पैरोल पर सवाल

राम रहीम को मिली इस पैरोल को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। एक ओर जहां उनके समर्थक इसे उनके धार्मिक अधिकार के रूप में देख रहे हैं, वहीं दूसरी ओर राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि राम रहीम की पैरोल चुनावी माहौल में एक रणनीति हो सकती है। उनके बाहर आने से, खासकर हरियाणा में चुनाव प्रचार को प्रभावित किया जा सकता है, जहां डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी काफी संख्या में हैं।

 

 

 

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