आगरा: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की फ्रेंचाइजी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) और राइड-हेलिंग कंपनी Uber के बीच एक विज्ञापन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। यह विवाद Uber द्वारा जारी किए गए एक विज्ञापन से संबंधित है, जिसमें सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) के लिए IPL खेल रहे ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर ट्रेविस हेड नजर आ रहे हैं। RCB का आरोप है कि विज्ञापन में उनका मजाक उड़ाते हुए उन्हें “Royally Challenged Bengaluru” कहा गया है। इस मजाक को RCB ने गंभीरता से लिया है और अब Uber-India के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
RCB को किस बात से है आपत्ति?
IPL फ्रेंचाइजी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने मजाक उड़ाने के इस मामले में कोर्ट में केस दाखिल करते हुए कहा है कि विज्ञापन में इस्तेमाल की गई आपत्तिजनक शब्दावली से उनकी ब्रांड इमेज को नुकसान पहुंचा है। RCB ने तर्क दिया है कि Uber ने ऐसा करके उनके ट्रेडमार्क पर सीधा हमला बोला है। फ्रेंचाइजी का मानना है कि विज्ञापन में जानबूझकर उन्हें मजाक उड़ाने के मकसद से “Royally Challenged Bengaluru” कहा गया होगा।
नाम ही नहीं, स्लोगन का भी उड़ाया मजाक – RCB
RCB ने कोर्ट को यह भी बताया कि Uber ने सिर्फ उनके नाम के साथ ही खिलवाड़ नहीं किया है, बल्कि उनके लोकप्रिय स्लोगन “Ee Saala Cup Namde” (इस साल कप हमारा है) का भी मजाक उड़ाया है। RCB के अनुसार, यह स्लोगन टीम और उनके प्रशंसकों दोनों के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ है। ऐसे में विज्ञापन में इसे व्यंग्यात्मक तरीके से पेश करना टीम और फैंस दोनों की भावनाओं का अपमान है।
RCB के एक्शन पर Uber India क्या कदम उठाएगा?
RCB द्वारा उठाए गए इस कानूनी कदम के बाद अब सभी की निगाहें Uber India की प्रतिक्रिया पर टिकी हुई हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि Uber इस मामले पर क्या रुख अपनाता है। क्या कंपनी उस विज्ञापन को वापस लेगी या अपने बचाव में कोई दलील पेश करेगी? IPL का रोमांच हर मैच के साथ बढ़ता जा रहा है और RCB भी इस सीजन में अच्छा प्रदर्शन कर रही है। ऐसे में इस बीच यह विवाद सामने आने से माहौल और गरमा गया है।
ऐसे मामलों में कानून क्या कहता है?
अगर RCB की दलीलें कोर्ट को मजबूत लगती हैं और कोर्ट उनसे सहमत होता है, तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि Uber India को न केवल उस विज्ञापन को हटाना पड़ेगा, बल्कि RCB और उनके प्रशंसकों से माफी भी मांगनी पड़ सकती है। फिलहाल, इस मामले में Uber India की प्रतिक्रिया का इंतजार है, जिसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट इस पर क्या फैसला सुनाता है, इस पर सबकी नजरें टिकी रहेंगी।