अधिवक्ताओं ने किया यज्ञ और लिया ‘रन फोर हाई कोर्ट बेंच’ का निर्णय
आंदोलन के दौरान, सबसे पहले अधिवक्ताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और उनके जन्म शताब्दी के अवसर पर मिष्ठान वितरण किया। इसके बाद, धरना प्रदर्शन की शुरुआत हुई जिसमें अधिवक्ताओं ने ‘वी वांट हाई कोर्ट’, ‘आगरा मांगे हाई कोर्ट’, और ‘अधिवक्ता एकता जिंदाबाद’ जैसे नारे लगाए।
आंदोलन के बीच एक विशेष यज्ञ भी आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य सरकार की बुद्धि शुद्धि करना था ताकि उच्च न्यायालय की खंडपीठ की स्थापना के लिए सरकार शीघ्र कदम उठाए। इसके बाद अधिवक्ताओं ने एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया, जिसमें विभिन्न अधिवक्ताओं ने इस मुद्दे पर अपने विचार साझा किए।
‘रन फोर हाई कोर्ट बेंच’ आंदोलन की घोषणा
धरना प्रदर्शन में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि अब आंदोलन का अगला चरण होगा – ‘रन फोर हाई कोर्ट बेंच’। इस आंदोलन के तहत 24 दिसंबर 2024 को सिविल कोर्ट, आगरा में एक प्रभात फेरी निकाली जाएगी और इस कार्यक्रम में रन फोर हाई कोर्ट बेंच की घोषणा की जाएगी। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हर वर्ग को जोड़कर एकजुटता दिखाना है और आगरा में हाई कोर्ट खंडपीठ की स्थापना के लिए जन जागरूकता फैलाना है।
आंदोलन के समर्थन में प्रमुख चेहरे
कार्यक्रम में जनमंच के अध्यक्ष चौधरी अजय सिंह और पी. सक्सेना जी ने अध्यक्षता की, जबकि संचालन वीरेंद्र फौजदार ने किया। इस अवसर पर राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष श्रीराम शंकर शर्मा, सचिव हृदयेश कुमार यादव, पूर्व महामंत्री अखिलेश यादव, विनय कुमार अग्रवाल, उदयवीर सिंह, नरेंद्र कुमार वर्मा, चौधरी विशाल सिंह, श्याम सुंदर उर्फ प्रशांत सिकरवार, अनुराग यादव, प्रदीप चार, कुणाल शर्मा और अन्य प्रमुख अधिवक्ता भी उपस्थित थे।
न्याय की एक नई उम्मीद
इस आंदोलन का उद्देश्य केवल पश्चिमी उत्तर प्रदेश में न्याय की प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाना नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र की जनता को एकजुट करना है ताकि इस जनहितकारी मामले में सरकार पर दबाव डाला जा सके। जनमंच का स्पष्ट संदेश है कि ‘अब नहीं तो कभी नहीं’ और यह आंदोलन पूरी ताकत से आगरा में हाई कोर्ट खंडपीठ की स्थापना तक जारी रहेगा।
आखिरकार, क्या होगा अगला कदम?
आंदोलन में तेजी लाने के लिए 24 दिसंबर को आयोजित होने वाली ‘रन फोर हाई कोर्ट बेंच’ की प्रभात फेरी और बैठक में प्रमुख निर्णय लिए जाएंगे। इस अभियान में सभी वर्गों को साथ लाकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की न्यायिक व्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए जाएंगे।