क्या था हादसे का कारण?
बताया जा रहा है कि दुर्घटना में शामिल टैक्सी परमिट की कार गूगल मैप के सहारे यात्रा कर रही थी। चूंकि कार सवारों को पुल के अधूरे होने का कोई अंदाजा नहीं था, इसलिए वे इसकी चपेट में आ गए। जैसे ही कार चालक पुल के आखिर तक पहुंचा, वह अचानक पुल के खत्म होने के कारण नियंत्रण खो बैठा। तेज रफ्तार में होने के कारण कार चालक समय रहते कार को रोक नहीं पाया और कार पुल से गिरकर सीधे रामगंगा नदी में जा गिरी।
तीन लोगों की हुई मौत
इस भीषण दुर्घटना में कार में सवार तीनों लोग मौके पर ही जान गंवा बैठे। दुर्घटना में मारे गए लोगों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है, लेकिन यह बताया जा रहा है कि वे उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से थे और एक निजी कार्य के लिए यात्रा कर रहे थे।
हादसे के बाद की स्थिति
घटना के बाद आसपास के लोग और पुलिस मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। हालांकि पुल के अधूरे निर्माण के कारण रेस्क्यू में दिक्कतें आईं, लेकिन समय रहते शवों को बाहर निकाला गया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि हादसे के दौरान चालक के पास पुल के बारे में कोई चेतावनी थी या नहीं।
अधूरे पुल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
इस हादसे ने एक बार फिर अधूरे पुलों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है। जब पुल का निर्माण अधूरा था, तो इस पर यातायात की अनुमति कैसे दी गई? क्या प्रशासन ने इस पुल पर दुर्घटनाओं से बचाव के लिए कोई सुरक्षा उपाय किए थे? यह सवाल अब कई लोगों के मन में है।