आगरा। आगरा के सिविल कोर्ट परिसर में लंबे समय से अधिवक्ता हितों को लेकर एक बड़ा मुद्दा उठता रहा है, और अब जनमंच ने इस मुद्दे को सशक्त रूप से पुनः सामने लाते हुए एक नया कदम उठाया है। 10 जनवरी 2025 को जनमंच द्वारा एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें “एक परिसर, एक बार” के नारे को लेकर अधिवक्ता संगठनों को एकजुट होने का आह्वान किया गया। इस बैठक में आगरा बार एसोसिएशन द्वारा भी इस मांग को लेकर आम सभा का आयोजन किया गया, और विभिन्न बारों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे।
एक परिसर, एक बार की आवश्यकता
सिविल कोर्ट परिसर में एक परिसर एक बार की मांग लंबे समय से अधिवक्ता संगठनों द्वारा उठाई जा रही है। जनमंच की ओर से यह कदम इस दिशा में एक और महत्वपूर्ण प्रयास साबित हो रहा है। जनमंच के अध्यक्ष चौ. अजय सिंह ने इस मुद्दे पर चर्चा करते हुए कहा कि आज के समय में जब आगरा के अधिवक्ता समाज में अनेक विभाजन हो चुके हैं, तब एकजुटता की आवश्यकता है। यह सिर्फ एक राजनीतिक या संगठनात्मक मांग नहीं, बल्कि एक सामाजिक और आर्थिक आवश्यकता बन गई है।
अधिवक्ता समाज की एकजुटता के लाभ
जनमंच ने बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया कि यदि समूचे आगरा के बार एसोसिएशन और अधिवक्ता संगठन एकजुट होते हैं, तो इससे न केवल अधिवक्ताओं के हितों की रक्षा की जा सकेगी, बल्कि उनकी ताकत को भी दिखाया जा सकेगा। एकजुट होकर, इन संगठनों को अपनी ताकत को प्रभावी रूप से सरकार और अन्य संस्थाओं तक पहुंचाने का अवसर मिलेगा।
इसके साथ ही, एकजुटता के द्वारा एक बड़ा बार फंड भी बन सकेगा, जिससे किसी भी अधिवक्ता की असमय मृत्यु होने पर उसके परिवार को आर्थिक मदद मिल सकेगी। इसके अलावा, किसी दुर्घटना में घायल होने पर भी अधिवक्ता समाज मिलकर अपनी मदद प्रदान कर सकेगा।
जनमंच का आह्वान
जनमंच ने सिविल कोर्ट परिसर आगरा सहित अन्य समस्त अधिवक्ता संगठनों से अपील की है कि वे इस प्रस्ताव का समर्थन करें और एक परिसर एक बार के बैनर तले एकजुट होने की पहल करें। जनमंच का कहना है कि यदि यह कदम उठाया जाता है तो न केवल अधिवक्ता समाज के हितों की रक्षा होगी, बल्कि यह समाज के भीतर एक नई शक्ति का निर्माण करेगा।
कार्यक्रम का आयोजन
कार्यक्रम की अध्यक्षता जनमंच के अध्यक्ष चौ. अजय सिंह ने की, जबकि संचालन पवन कुमार गुप्ता ने किया। इस बैठक में प्रमुख रूप से इदेश कुमार यादव, वीरेन्द्र फौजदार, जितेन्द्र चौहान, गिर्राज रावत, सत्येन्द्र कुमार यादव, चौ. विशाल सिंह, प्रशान्त सिंह सिकरवार, शिवराज सिंह चौहान, सुरेन्द्र सिंह धाकरे, और राजू सिकरवार सहित अन्य प्रमुख सदस्य उपस्थित रहे।
सभी ने मिलकर एकजुटता के इस पहल की सराहना की और इसे अधिवक्ता समाज के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया। इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों ने “एक परिसर, एक बार” के प्रस्ताव को अपनी समर्थन देने की इच्छा जताई और इसे एक ऐतिहासिक कदम बताया।
आखिरकार, यह कदम “एक परिसर एक बार” के विचार को वास्तविकता बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, जो ना केवल अधिवक्ता समाज की एकजुटता को बल देगा, बल्कि उनके अधिकारों की रक्षा करने के लिए भी एक मजबूत मंच प्रदान करेगा।