अमेठी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त आदेश के बावजूद भी सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़ने के मामलों में कोई कमी नहीं आ रही है। अब एक और घटना सामने आई है, जहां अमेठी जिले के गुरु गोरखनाथ रेलवे स्टेशन परिसर में दो लोगों द्वारा नमाज पढ़ने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इस घटना ने स्थानीय पुलिस और प्रशासन के लिए एक नई चुनौती पेश कर दी है।
वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन की बढ़ी सक्रियता
यह घटना जिले के मुस्लिम बाहुल्य इलाके जायस के गुरु गोरखनाथ रेलवे स्टेशन की है, जहां कुछ दिन पहले स्टेशन के मुख्य गेट के सामने दो लोगों द्वारा बारी-बारी से नमाज पढ़ी गई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आ गया। वीडियो में साफ दिख रहा है कि कुछ लोग ट्रेन पकड़ने के लिए स्टेशन पर आए थे और उन्हीं के बीच नमाज पढ़ने की प्रक्रिया शुरू हो गई।
स्थानीय पुलिस ने मामले पर प्रतिक्रिया दी, लेकिन उन्होंने इसे अपनी जिम्मेदारी से बाहर मानते हुए इसे रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) का मामला बताया। वहीं, स्टेशन पर तैनात एक अधिकारी मधुकर कुमार ने कहा कि ऐसे मामले अक्सर होते रहते हैं, जब लोग बिना जानकारी के रेलवे परिसर में नमाज पढ़ते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस बार के मामले में उन्हें किसी प्रकार की जानकारी नहीं थी, क्योंकि वे ड्यूटी के दौरान स्टेशन के बाहर नहीं जा सकते।
बीजेपी आईटी सेल ने उठाई आवाज
इस घटना के बाद, बीजेपी आईटी सेल के संयोजक अंशु तिवारी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “जायस रेलवे स्टेशन पर खुले में नमाज पढ़ना बिल्कुल भी सही नहीं है। इस तरह की घटनाएं आपसी सौहार्द को बिगाड़ने का काम करती हैं। हम पुलिस से मांग करते हैं कि इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाए।”
इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट हो गया है कि सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़ने को लेकर लोगों के बीच असहमति बढ़ रही है, और ऐसे मामलों में कार्रवाई की आवश्यकता महसूस हो रही है।
पुलिस और आरपीएफ ने शुरू की जांच
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने सार्वजनिक स्थान पर नमाज पढ़ने वाले व्यक्तियों की पहचान कर ली है और उनसे पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। मामले की गहनता से जांच की जा रही है, और पुलिस प्रशासन का कहना है कि यदि मामला सार्वजनिक व्यवस्था में हस्तक्षेप करता है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर बने हैं कड़े नियम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही स्पष्ट आदेश जारी किया था कि सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़ने पर प्रतिबंध लगाया गया है, ताकि किसी भी प्रकार की सामाजिक समरसता में खलल न पड़े। इसके बावजूद इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिससे प्रशासन के लिए चुनौती बढ़ गई है।
समाज में बढ़ती संवेदनशीलता
इस मामले ने एक बार फिर से समाज में धार्मिक सौहार्द और सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक प्रथाओं को लेकर संवेदनशीलता बढ़ा दी है। यदि इस तरह की घटनाओं को जल्द नियंत्रित नहीं किया गया तो यह भविष्य में और अधिक विवाद उत्पन्न कर सकती हैं। प्रशासन की ओर से इस दिशा में प्रभावी कदम उठाए जाने की आवश्यकता है, ताकि समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखा जा सके।