मथुरा के सुरीर क्षेत्र के गांव छोला बाद निवासी ऊदल पुत्र कुंवर पाल की अपहरण और हत्या के मामले में जमानत खारिज कर दी गई है। आरोपी 2000 से फरार चल रहा था।
जानकारी के मुताबिक, साल 2000 में थाना अछनेरा में ऊदल के खिलाफ अपहरण और हत्या का मामला दर्ज हुआ था। जमानत मिलने के बाद से आरोपी अदालत में हाजिर नहीं हुआ था। इसके बाद अदालत ने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट, फरारी और कुर्की के आदेश जारी किए थे। इसके बाद भी जब आरोपी अदालत में हाजिर नहीं हुआ तो अदालत ने उसके खिलाफ स्थायी वारंट जारी कर दिया।
आरोपी ऊदल अन्य मामले में मथुरा जिला कारागार में निरुद्ध था। पुलिस ने बी वारंट के जरिए उसे अदालत में हाजिर कराया। अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी आदर्श चौधरी ने तर्क दिया कि आरोपी संगीन अपराध का आरोपी है और वह जमानत पर बाहर आकर साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर सकता है।
न्यायाधीश ज्ञानेंद्र राव ने अभियोजन पक्ष के तर्कों को सही मानते हुए आरोपी की जमानत खारिज कर दी।
स्थाई वारंटी की जमानत खारिज
इस तरह के शातिर अपराधी अपनी पहचान छिपाकर अन्यत्र जघन्य घटनाएं कारित करते हैं, कानून से खिलवाड़ करते हैं, लेकिन वे ये भूल जाते हैं कि, कानून अपराधियों के लिए बहुत सख्त व अपराधियों से समाज की सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर, निपुण है। इस अपराधी को स्थाई वारंटीयों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत तलाश किया गया, और ऊदल को एक अन्य अपराध करने पर प्रकाश में आते ही पकड़ लिया । सभी तथ्य माननीय न्यायलय के समक्ष रखकर इसकी ज़मानत खारिज हेतु अभियोजन ने पक्ष पेश किया।
आदर्श चौधरी
अभियोजन सेवा शासकीय अभियोजक