शिकायतकर्ता को दवाब में लेने की जमकर कोशिश
दबंग पेट्रोल पंप संचालक के दबाव में सच्चाई से मुंह मोड़ रहे विभागीय अधिकारी
आगरा (किरावली)। टीटीजेड क्षेत्र में संरक्षित वन भूमि पर पेड़ों के अवैध कटान के प्रकरण में विभागीय अधिकारी कितने संजीदा है, इसकी बानगी साफ दिखने लगी है। अपनी गर्दन को बचाने और दबंग पेट्रोल पंप संचालक के अवैध कारनामों को छिपाने के लिए विभागीय अधिकारियों ने अब उल्टा पैंतरा अपनाना शुरू कर दिया है। अपनी आंखों पर धृतराष्ट्र की पट्टी बांधकर लगातार पेट्रोल पंप संचालक को क्लीन चिट देने की कोशिश की जा रही है।
बताया जाता है कि गाटा संख्या 149 में पेड़ों के हुए अंधाधुंध अवैध कटान का प्रकरण उजागर हुआ तो विभागीय अधिकारियों के कान खड़े हो गए। लगातार की जा रही शिकायतों के बाद जब जांच का दवाब बढ़ने लगा तो शुक्रवार को विभागीय टीम खानापूर्ति करने मौके पर पहुंची। दबंग पेट्रोल पंप संचालक की मौजूदगी में शिकायतकर्ता को बातों में फंसाकर बुलवा लिया गया। इसके बाद उसको दवाब में लेने की जमकर कोशिशें हुई। शिकायतकर्ता द्वारा साक्ष्यों के रूप में पुराने और नवीन फोटोग्राफ को दिखाया गया, लेकिन विभागीय टीम द्वारा इनको पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया। कथित रूप से पेट्रोल पंप संचालक के साथ जुगलबंदी करते हुए धरातल पर कोई भी जांच करने की जरूरत नहीं समझी गई। इसके बाद हताश होकर शिकायतकर्ता मौके से चला गया।
पेट्रोल पंप संचालक से सांठगांठ का लगाया आरोप
इस मामले में शिकायतकर्ता के अनुसार विभागीय टीम पूरी तरह दबंग पेट्रोल पंप संचालक के साथ सांठगांठ कर इस प्रकरण में परदा डालने में जुटी है। मौके पर काटे गए पेड़ों और नए पेड़ों की फोरेंसिक जांच करने की जरूरत नहीं समझी जा रही। अगर फोरेंसिक जांच होगी तो भांडा फूटने निश्चित है। विवादित जमीन के आगे और पीछे के पेड़ों और उनके ट्रीगार्ड की स्थिति साफ देखी जा सकती है, वहीं निर्माणाधीन स्थल पर स्थिति कुछ और है।