आगरा, प्रदीप कुमार रावत: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2036 ओलंपिक की मेजबानी और खेलों में देश को अग्रणी बनाने का सपना देख रहे हैं। पीएम मोदी व्यक्तिगत रूप से खिलाड़ियों से मिलते हैं, उन्हें प्रोत्साहित करते हैं और उनकी समस्याओं को सुनते हैं। लेकिन क्या वास्तव में भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) देश के खिलाड़ियों को 2036 के लिए तैयार कर रहा है? यह एक बड़ा और यक्ष प्रश्न है। भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की कार्यशैली पर अब गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
दर्जनों खेल संघ IOA की अंतर्कलह के शिकार, ताइक्वांडो सबसे आगे
आपको बताते चलें कि वर्तमान में करीब एक दर्जन से अधिक ऐसे खेल संघ हैं जो IOA की अंतर्कलह और वर्चस्व की जंग में फंसे हुए हैं। इस वर्चस्व की लड़ाई का सीधा नुकसान खिलाड़ियों को उठाना पड़ रहा है, जिससे उनका भविष्य मझधार में फंसा दिखाई दे रहा है। ताइक्वांडो भी इसी राजनीति का ऐसा शिकार हो चुका है कि इससे निकलने का नाम नहीं ले रहा। आज ताइक्वांडो में चार-चार एसोसिएशन मौजूद हैं, जिसके लिए सीधा जिम्मेदार भारतीय ओलंपिक संघ को ठहराया जा रहा है।
जिस ताइक्वांडो फेडरेशन ऑफ इंडिया (TFI) को तमाम विवादों से बचाने के लिए इंडिया ताइक्वांडो (IT) बनाने की मुहिम प्रभात कुमार शर्मा ने छेड़ी थी, वह तो IOA के छलावे और झूठ के भरोसे पूरी हो गई, लेकिन विवाद खत्म नहीं हुआ। इसका मुख्य कारण भी भारतीय ओलंपिक संघ ही है।
‘ताइक्वांडो को बर्बाद करने वाले जल्द होंगे सलाखों के पीछे’ – प्रभात शर्मा
TFI महासचिव प्रभात कुमार शर्मा ने अग्र भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया कि ताइक्वांडो को हाईजैक करने का कुचक्र रचा गया है, और तो और न्यायालय को भी भ्रमित करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने दृढ़ता से कहा, “जब तक मैं हूं, तब तक IOA के इस चक्रव्यूह को सफल नहीं होने दूंगा, चाहे इसके लिए कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े।”
प्रभात शर्मा ने बेबाकी से चुनौती देते हुए कहा, “मैं अपने धुर विरोधियों को यह चुनौती ही नहीं, चेतावनी दे रहा हूं कि वह संभल जाएं, अन्यथा उन्हें जेल जाने से कोई रोक नहीं सकता।” उन्होंने बताया कि ताइक्वांडो में चल रहे विवादों के कारण ही उन्होंने TFI को इंडिया ताइक्वांडो में बदलने की सिफारिश वर्ल्ड ताइक्वांडो से IOA के माध्यम से की थी। लेकिन IOA के तथाकथित चेयरमैन ने ऐसा झूठ का जाल बुना कि वर्ल्ड ताइक्वांडो को गलत तथ्य परोसकर नामदेव शिरगांवकर एफिलिएशन ले आए। “जब हमें पता चला तो हमने वर्ल्ड ताइक्वांडो को पूरी स्थिति से अवगत ही नहीं कराया, बल्कि नामदेव और इनके द्वारा किए जा रहे कृत्यों की भी जानकारी वर्ल्ड ताइक्वांडो को दी है,” प्रभात शर्मा ने कहा।
‘लूटने वाले सलाखों के पीछे होंगे, साक्ष्य के साथ CBI-ED को जानकारी दूंगा’
हरिद्वार में हो रही राष्ट्रीय जूनियर एवं सब जूनियर ताइक्वांडो प्रतियोगिता में प्रभात शर्मा ने जोर देकर कहा कि वह एक अधिवक्ता हैं और बखूबी जानते हैं कि झूठ का राजफाश न्यायालय में कैसे किया जाता है। उन्होंने विश्वास दिलाते हुए कहा, “मैं शत प्रतिशत आपको विश्वास दिलाता हूं कि हम जीतेंगे ही नहीं, बल्कि जिन्होंने खिलाड़ियों को वर्ल्ड ताइक्वांडो चैंपियनशिप, एशियन चैंपियनशिप या अन्य विश्व स्तरीय प्रतियोगिताओं में जो लूटने का काम किया है, वे सलाखों के पीछे भी होंगे।”
प्रभात शर्मा ने गुस्से भरे लहजे में कहा, “मैं इन्हें छोड़ने वाला नहीं हूं, आज आपके सामने कह रहा हूं कि मैं साक्ष्यों के साथ सभी जानकारी ईडी (ED) एवं सीबीआई (CBI) को देने जा रहा हूं।” उन्होंने कहा कि IOA ने जो ताइक्वांडो को हाईजैक करने का कुचक्र और जाल बुना है, वह न्यायालय में भारी पड़ने वाला है। “यही नहीं, IOA के साथ यह सबसे अधिक उस व्यक्ति पर भारी पड़ेगा जिसने यह बिसात बिछाई और चेयरमैन बनकर धोखा देकर इंडिया ताइक्वांडो पर सत्तारूढ़ हो गया,” प्रभात ने कहा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि ताइक्वांडो उनकी बपौती नहीं है, बल्कि यह सभी एथलीट्स, कोच एवं उनके सभी पूर्व खिलाड़ियों का है। “मैं रहूं या न रहूं, लेकिन ताइक्वांडो खेल को बर्बाद नहीं होने दूंगा। यह खेल ताइक्वांडो खिलाड़ियों का ही रहेगा, न कि किसी बाहरी व्यक्ति का,” उन्होंने दृढ़ता से कहा।
‘पीएम मोदी के ओलंपिक सपने पर ग्रहण लगा रहा IOA और खेल मंत्रालय’
प्रभात शर्मा ने हमारे विशेष संपादक प्रदीप कुमार रावत से बातचीत के दौरान बताया कि जल्द ही कुछ बहुत बड़ा होने वाला है, जिसे इतिहास में दर्ज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज भी उनके पास आधे से अधिक राज्य जुड़े हैं, जो उन पर विश्वास दिखाते हैं। यही कारण है कि हरिद्वार में हजारों खिलाड़ी प्रतिभाग कर रहे हैं। उन्होंने गेल कार्ड, नेशनल चैंपियनशिप, इंटरनेशनल चैंपियनशिप के नाम पर ट्रायल और अन्य तरीकों से खिलाड़ियों को ‘लूटने’ के पुख्ता साक्ष्य होने का दावा किया। उन्होंने कहा, “अब बहुत हो चुका, मैं खिलाड़ियों को और अधिक बर्बाद नहीं होने दूंगा।”
उन्होंने स्वीकार किया कि आरडी मंगेशकर गुट के लोगों के फोन भी उनके पास आते हैं। उन्होंने कहा कि उनका व्यक्तिगत द्वेष किसी से नहीं है, उनका दुश्मन वह है जो ताइक्वांडो को हाईजैक करना चाहता है। प्रभात शर्मा ने माना कि घर में दो बर्तन होते हैं तो बजना स्वाभाविक है, लेकिन अगर बर्तन खराब हो तो उसे बाहर का रास्ता दिखाना आवश्यक है। उन्होंने स्वीकार किया कि उनमें और उनके लोगों में भी कमियां होंगी, क्योंकि कोई पूर्ण नहीं हो सकता।
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य एवं राष्ट्रीय स्पर्धाओं में अधिकतर खिलाड़ियों, कोच एवं अभिभावकों की एक ही शिकायत रहती है कि डाइट अच्छी नहीं मिलती, और कई बार तो कोच झगड़े पर उतर आते हैं। उन्होंने माना कि इसमें बहुत सुधार की आवश्यकता है। स्पॉन्सरशिप की कमी को एक कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि वे एक कमेटी गठित करेंगे जो सिर्फ राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की गुणवत्ता को परखने के लिए ही बनाई जाएगी।
ताइक्वांडो फेडरेशन ऑफ इंडिया के महासचिव प्रभात शर्मा ने अंत में कहा कि जहां एक तरफ देश के पीएम नरेंद्र मोदी भारत में ओलंपिक का सपना साकार करने का प्रयास कर रहे हैं, वहीं IOA एवं खेल मंत्रालय ही उस पर ग्रहण लगाता दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि IOA और खेल मंत्रालय की कारगुजारियों के कारण ही आज ताइक्वांडो एवं अन्य दर्जनों खेलों में विवाद हैं। “आखिर पीएम नरेंद्र मोदी का सपना साकार कैसे होगा, जब खेल की सर्वोच्च संस्थाएं ही खेलों पर ग्रहण लगाने पर तुली हुई हैं?” प्रभात शर्मा ने विश्वास जताया कि वे निश्चित लौटेंगे और देश के खिलाड़ी एशियाई खेलों में ही नहीं, बल्कि ओलंपिक में भी पहुंचेंगे।