बरेली: शुमायला खान के फर्जी दस्तावेजों से जुड़े नए खुलासे, मां माहिरा का भी था इसी तरह सरकारी नौकरी पाने का मामला

Raj Parmar
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बरेली: शुमायला खान के फर्जी दस्तावेजों से जुड़े नए खुलासे, मां माहिरा का भी था इसी तरह सरकारी नौकरी पाने का मामला

बरेली: बरेली के बेसिक शिक्षा विभाग में असिस्टेंट टीचर के रूप में नौकरी प्राप्त करने वाली शुमायला खान के बारे में कुछ और चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इस समय तक शुमायला खान का मामला शिक्षा विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है, और अब उसकी मां, माहिरा अख्तर के बारे में भी हैरान कर देने वाली जानकारी सामने आई है। आरोप है कि शुमायला की मां भी तथ्यों को छिपाकर सरकारी नौकरी में शिक्षक बनी थीं, और उन्हीं के रास्ते पर चलते हुए शुमायला ने भी नौकरी प्राप्त की थी।

माहिरा अख्तर का भी फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरी हासिल करने का मामला

माहिरा अख्तर, शुमायला खान की मां, पाकिस्तान के सिवगत अली से शादी कर पाकिस्तान चली गईं थीं, और वहां से अपनी दोनों बेटियों शुमायला और उसकी बहन का जन्म हुआ था। पाकिस्तान से तलाक लेने के बाद, माहिरा 1981 में भारत लौट आईं और वीजा लेकर देश में रहने की अनुमति प्राप्त की। लेकिन, उन्होंने पाकिस्तान से भारतीय नागरिक बनने के बजाय, अपनी असली नागरिकता को छिपाकर बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी प्राप्त की। वह रामपुर के एक प्राइमरी स्कूल में 40 साल तक टीचर के रूप में काम करती रही।

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माहिरा के पाकिस्तान से भारतीय नागरिक बनने की सच्चाई 2021 में सामने आई, जिसके बाद उसे रिटायरमेंट से सिर्फ तीन सप्ताह पहले शिक्षा विभाग से बर्खास्त कर दिया गया था। इस समय तक माहिरा अख्तर ने रामपुर में सरकारी आवास भी प्राप्त किया था।

शुमायला खान ने भी मां के रास्ते पर चलकर सरकारी नौकरी पाई

अब शुमायला खान के मामले में भी यही सच्चाई सामने आई है। शुमायला ने भी फर्जी दस्तावेजों के सहारे असिस्टेंट टीचर की नौकरी प्राप्त की थी। 2015 में शुमायला को बेसिक शिक्षा विभाग में असिस्टेंट टीचर के रूप में नौकरी मिली थी और वह बरेली के प्राथमिक विद्यालय माधौपुर में तैनात हो गईं थीं।

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रामपुर के पुलिस अधीक्षक ने 9 मार्च 2022 को बरेली के बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर सूचित किया कि शुमायला खान, जो एक पाकिस्तानी नागरिक है, बरेली के एक विद्यालय में सहायक अध्यापक के रूप में कार्यरत है। इसके बाद, बेसिक शिक्षा अधिकारी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए शुमायला के दस्तावेजों की जांच शुरू की।

जांच में शुमायला के जन्म प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए, जिसके बाद उसके खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज किया गया और उसे बर्खास्त कर दिया गया। अब, बेसिक शिक्षा विभाग ने शुमायला खान से उसके द्वारा प्राप्त वेतन और भत्तों की रिकवरी की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।

निवास प्रमाण पत्र भी था फर्जी

बरेली के एसडीएम रामपुर द्वारा की गई जांच रिपोर्ट में यह साफ तौर पर सामने आया कि शुमायला खान का निवास प्रमाण पत्र कूटरचित था और वह वास्तव में पाकिस्तानी नागरिक ही है। शुमायला ने रामपुर के एसडीएम से कथित रूप से निवास प्रमाण पत्र प्राप्त किया था, जिसका उपयोग उसने सरकारी नौकरी पाने के लिए किया था।

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शुमायला खान पर पुलिस ने मामला दर्ज किया

शुमायला खान के खिलाफ थाना फतेहगंज पश्चिमी में धारा 419, 420, 467, 468 और 471 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, शुमायला ने न केवल अपने फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरी हासिल की, बल्कि उसने सरकारी धन का भी दुरुपयोग किया।

जांच और कार्रवाई जारी

बेसिक शिक्षा विभाग और पुलिस की टीम अब मामले की पूरी गहराई से जांच कर रही है। शुमायला खान की सेवाओं की समाप्ति के साथ ही उसे दिए गए वेतन और भत्तों की रिकवरी की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है। विभागीय वित्त एवं लेखाधिकारी को पत्र भेजा जा चुका है। इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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