आगरा के डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। सिविल सोसायटी ने आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय NAAC ग्रेडिंग के लिए अनियमितता कर रहा है।
आगरा: डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। सिविल सोसायटी ऑफ आगरा ने आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय NAAC ग्रेडिंग के लिए अनियमितता कर रहा है। संगठन का दावा है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रोफेसरों की संख्या बढ़ाने के लिए नियमों का उल्लंघन किया है और भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी की है।
NAAC ग्रेडिंग के लिए गलत जानकारी?
सिविल सोसायटी का कहना है कि विश्वविद्यालय ने NAAC को गलत जानकारी देकर उच्च ग्रेडिंग प्राप्त करने की कोशिश की है। संगठन ने दावा किया है कि विश्वविद्यालय ने प्रोफेसरों की संख्या बढ़ाकर दिखाई है, जबकि वास्तविकता में ऐसा नहीं है।
क्या हैं अनियमितताएं?
- अतिरिक्त पद: सिविल सोसायटी के अनुसार, विश्वविद्यालय ने 109 अतिरिक्त पदों का सृजन किया है, जो कि नियमों के विरुद्ध है।
- भर्ती में अनियमितता: कई नियुक्तियां रिश्तेदारी और प्रभाव के आधार पर की गई हैं, रोस्टर सिस्टम का पालन नहीं किया गया है।
- अवैध विज्ञापन: विश्वविद्यालय ने 53 पदों के लिए एक अवैध विज्ञापन जारी किया था, जिसे राज्यपाल कार्यालय ने खारिज कर दिया था।
सिविल सोसायटी की मांग
सिविल सोसायटी ने राज्यपाल और NAAC से मांग की है कि वे इस मामले की जांच करें और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई करें। संगठन का मानना है कि विश्वविद्यालय को NAAC ग्रेडिंग के लिए दोबारा आवेदन करना चाहिए और इस बार सभी तथ्यों को सही तरीके से प्रस्तुत करना चाहिए।