प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश: ग्रामीण पत्रकारिता को एक नई दिशा देने और ग्रामीण पत्रकारों को संगठित कर उन्हें पहचान दिलाने वाले ‘ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन’ (ग्रापए) के संस्थापक स्वर्गीय बाबू बालेश्वर लाल जी की 38वीं पुण्यतिथि मंगलवार को प्रतापगढ़ जनपद की विभिन्न तहसीलों में पूरे सम्मान और समारोह के साथ मनाई गई। इस अवसर पर पत्रकारों ने बाबू बालेश्वर लाल के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उनके असाधारण कृतित्व और प्रेरणादायक व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला।
ग्रामीण पत्रकारों को दिलाई पहचान: रंजन त्रिपाठी
ग्रापए के जिलाध्यक्ष रंजन त्रिपाठी ने कार्यक्रम में उपस्थित पत्रकारों को ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के कार्यों और उद्देश्यों से परिचित कराया। उन्होंने कहा, “ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के संस्थापक स्वर्गीय बाबू बालेश्वर लाल जी की दूरदर्शी सोच थी कि गांव में रहने वाले ग्रामीण पत्रकार एक सूत्र में बंधकर कार्य करते रहें। उनका मानना था कि ये पत्रकार ही जनता की समस्याओं को शासन-प्रशासन तक पहुंचाने और उन्हें न्याय दिलाने का महत्वपूर्ण कार्य कर सकते हैं।” रंजन त्रिपाठी ने सभी से उनके विचारों से प्रेरणा लेकर संगठन को और मजबूत करने का आह्वान किया।
बालेश्वर लाल का विचार आज भी है जिंदा: बालेंद्र भूषण पांडे
तहसील अध्यक्ष बालेंद्र भूषण पांडे ने बाबू बालेश्वर लाल को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि बालेश्वर लाल ने हमेशा ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े पत्रकारों को एकजुट कर समाज और शासन-प्रशासन के बीच एक नई पहचान दिलाई। उन्होंने जोर देकर कहा, “वे आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका विचार आज भी जिंदा है और हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।”
बृजेश सिंह और सत्यनारायण खंडेलवाल जैसे वरिष्ठ पत्रकारों ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए ग्रामीण पत्रकारों की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ग्रामीण पत्रकार गांवों की तमाम समस्याओं को शासन-प्रशासन तक पहुंचाने में “सेतु” का काम करते हैं, जिससे जमीनी स्तर पर बदलाव आता है।
बाबू बालेश्वर लाल सम्मान से नवाजे गए पत्रकार
इस पुण्यतिथि समारोह का एक मुख्य आकर्षण पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पत्रकारों को ‘बाबू बालेश्वर लाल सम्मान’ से सम्मानित करना रहा। यह सम्मान उन पत्रकारों को दिया गया जिन्होंने ग्रामीण पत्रकारिता के सिद्धांतों का पालन करते हुए समाज सेवा और निष्पक्ष पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष रंजन त्रिपाठी ने की और मंच का सफल संचालन राकेश तिवारी ने किया।
जनपद की विभिन्न तहसीलों में भी हुए कार्यक्रम
यह श्रद्धांजली समारोह केवल जिला मुख्यालय तक सीमित नहीं रहा, बल्कि प्रतापगढ़ जनपद की विभिन्न तहसीलों में भी बाबू बालेश्वर लाल की पुण्यतिथि मनाई गई।
- तहसील रानीगंज में तहसील अध्यक्ष धर्मेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में यह कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें पत्रकारों ने पुष्पांजलि अर्पित की और अपने विचार रखे। इस दौरान प्रमुख रूप से प्रमोद द्विवेदी, राजेंद्र तिवारी, राकेश पांडे, महेंद्र तिवारी, दिनेश मिश्रा, रविंद्र दुबे सहित तमाम पत्रकार मौजूद रहे।
- सदर तहसील के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह की अध्यक्षता में भी बाबू बालेश्वर लाल की 38वीं पुण्यतिथि मनाई गई। यहां जयंती मिश्रा, राकेश तिवारी, अख्तर अली, मोहम्मद नसीम, इरफान अली, दिनेश साहू, सुमित गुप्ता, भीम सिंह सहित कई पत्रकार उपस्थित रहे।
इन कार्यक्रमों में बृजेश सिंह, विनोद तिवारी, रविंद्र मिश्रा, संतोष कुमार, शकील, राकेश, अजीत कुमार, आशीष त्रिपाठी, अखिलेश, राजदेव यादव सहित ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के सभी सदस्य मौजूद रहे।
ग्रामीण पत्रकारिता का भविष्य और चुनौतियाँ
आज के डिजिटल युग में जब सूचनाओं का प्रवाह तेज हो गया है, बाबू बालेश्वर लाल जैसे दूरदर्शी व्यक्तित्व की सोच और भी प्रासंगिक हो जाती है। ग्रामीण पत्रकार आज भी जमीनी हकीकत को सामने लाने और ग्रामीण भारत की आवाज बनने का काम कर रहे हैं। यह पुण्यतिथि केवल एक श्रद्धांजलि नहीं थी, बल्कि ग्रामीण पत्रकारिता के मूल्यों और उद्देश्यों को फिर से स्थापित करने का एक संकल्प भी थी।