आगरा में आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर के समापन पर केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि नशामुक्त भारत का सपना साकार करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के साथ-साथ सामाजिक संगठनों, धर्म गुरुओं और आध्यात्मिक गुरुओं का सहयोग बेहद जरूरी है।
शिविर में 29 राज्यों के विभागीय अधिकारी और 10 मंत्री शामिल हुए थे। उन्होंने विभिन्न राज्यों द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा की और एक-दूसरे से अपने अनुभव साझा किए।
शिविर में प्रमुख मुद्दे
- अनुसूचित जाति/जनजाति और दिव्यांगजनों के लिए छात्रवृत्तियां: शिविर में इन वर्गों के लिए चल रही छात्रवृत्ति योजनाओं पर विस्तृत चर्चा हुई।
- वरिष्ठ नागरिक, ट्रांसजेंडर और भिक्षावृत्ति में लगे लोगों के लिए योजनाएं: इन समूहों के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए चल रही योजनाओं की समीक्षा की गई।
- नशामुक्त भारत अभियान: शिविर में नशामुक्त भारत अभियान पर विशेष जोर दिया गया और इस पर युद्ध स्तर पर कार्यवाही करने का निर्णय लिया गया।
केंद्रीय मंत्री का संदेश
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि चिंतन शिविर में हुए विचार-विमर्श से सभी को बहुत कुछ सीखने को मिला है और यह जानकारी अपने-अपने राज्यों में लागू की जाएगी।