- लेखपाल की मनमानी से परेशान है विधवा, एसडीएम के हस्तक्षेप के बाद एक बार गलत लगाई रिपोर्ट
- विधवा का आरोप, सुविधा शुल्क के कारण नहीं लगा रहे लेखपाल रिपोर्ट
- मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी से लगाई गुहार
प्रदीप यादव
एटा (जैथरा) । विकास खंड अलीगंज के ग्राम गढिया लुहारी की एक विधवा अपने पति का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए दो महीने से भटक रही है। क्षेत्रीय लेखपाल की मनमानी के कारण उसकी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।
विधवा का आरोप है कि लेखपाल सुविधा शुल्क के कारण रिपोर्ट नहीं लगा रहे हैं। इस परेशानी से निराश होकर, उसने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जिलाधिकारी को पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई है।
थाना राजा का रामपुर क्षेत्र के गांव गढिया लुहारी निवासी सुदीप कुमार की आकस्मिक दुर्घटना में सैफई के मेडिकल कॉलेज में मृत्यु हो गई थी। घटना के बाद उनकी पत्नी रोशनी गुप्ता ने मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया। मेडिकल प्रशासन ने उपजिलाधिकारी अलीगंज से रिपोर्ट मांगी, जिसके आदेश पर स्थानीय लेखपाल कौशलेन्द्र यादव को सौंप दी गई।
एक महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी लेखपाल कौशलेन्द्र यादव लगातार इस मामले को टालते रहे। रोशनी गुप्ता ने जब निवर्तमान उपजिलाधिकारी प्रतीत त्रिपाठी से मिली, तब एसडीएम ने लेखपाल को जल्द रिपोर्ट लगाने के लिए फटकार लगाई। एसडीएम की तल्खी के बाद लेखपाल ने रिपोर्ट तो लगा दी, लेकिन उसमें कुछ खामियां रहने दी।
फाइल पर जब सारे अधिकारियों की रिपोर्ट लगकर उपजिलाधिकारी कार्यालय पहुंची, तो फिर से फाइल को पूर्ण रिपोर्ट लगाकर भेजने के लिए रजिस्ट्रार कानूनगो कार्यालय भेज दिया गया। इसके बाद से अभी तक दो माह होने पर भी रिपोर्ट नहीं लगाई गई।
लेखपाल की करतूत से परेशान विधवा रोशनी गुप्ता ने अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा जिलाधिकारी प्रेम रंजन सिंह को शिकायती पत्र भेजकर कार्यवाही की गुहार लगाई है। विधवा का आरोप है कि उसके एक बेटा तथा दो बेटियां है। पति की मृत्यु के बाद से वह वैसे भी परेशान है और लेखपाल द्वारा रिपोर्ट न लगाए जाने के कारण उसके पति का मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बना रहा है। पीडिता का कहना है कि योगी जी महिलाओं के लिए उत्थान के लिए कार्य कर रहे हैं, तो वहीं ऐसे भ्रष्ट लेखपाल महिलाओं को परेशान कर सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे है।
इस संदर्भ में रजिस्ट्रार कानूनगो जय नरेश से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हमने कई बार लेखपाल कौशलेन्द्र यादव को फाइल लेने के लिए कहा है, लेकिन अभी तक उन्होंने फाइल को नहीं लिया है।