आगरा – आज से नव संवत्सर 2082 और चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ हो गया है। इस बार नव वर्ष के साथ साथ नवरात्रि का पर्व विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि माँ दुर्गा इस बार हाथी पर सवार होकर आ रही हैं। साथ ही इस वर्ष के राजा और मंत्री दोनों ही सूर्यदेव होंगे, जो राज तंत्र में बदलाव के संकेत दे रहे हैं।
नव संवत्सर 2082: क्या है विशेष?
नव संवत्सर 2082 का नाम सिद्धार्थी है। यह वर्ष राज्य, शासन और प्रजा के लिए अनुकूल रहने की संभावना है, जिससे देश में समृद्धि और खुशहाली का संचार होगा। ज्योतिषाचार्य ब्रज मोहन दीक्षित के अनुसार इस वर्ष वैश्य वर्ग को विशेष लाभ मिलेगा, और साथ ही राजतंत्र में बदलाव भी हो सकता है। हालांकि, उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि इस वर्ष आगजनी की घटनाएं बढ़ सकती हैं और गर्मी का प्रकोप भी अधिक रहेगा।
नवरात्रि और पंचग्रही राजयोग का विशेष संयोग
आज से शुरू हुए चैत्र नवरात्रि का महत्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि इस बार ज्योतिषीय गणना के अनुसार मीन राशि में शनि, सूर्य, बुध, शुक्र और राहु का संयोग हो रहा है, जिससे एक पंचग्रही राजयोग का निर्माण हो रहा है। यह संयोग लगभग 100 साल बाद बन रहा है। इससे जातकों के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आने की संभावना है।
इसके अलावा, इस दौरान कई अन्य शुभ योगों का भी निर्माण हो रहा है, जैसे सर्वार्थ सिद्ध, इंद्र, बुधादित्य, शुक्रादित्य और लक्ष्मी नारायण योग। इन शुभ संयोगों के चलते इस वर्ष लोगों की आय बढ़ने, प्रसन्नता का संचार होने और देश में सुख और समृद्धि के नए दौर की उम्मीद जताई जा रही है।
नवरात्रि की पूजा और मुहूर्त
नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना और कलश स्थापना की जाती है। इस वर्ष 30 मार्च, रविवार को स्थिर लग्न वृषभ में सुबह 08 बजकर 34 मिनट से घटस्थापना का मुहूर्त शुरू होगा, जो सुबह 10 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। इसके बाद अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 49 मिनट तक रहेगा।
घटस्थापना के बाद भगवती के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा की जाती है। साथ ही, दुर्गा सप्तशती का पाठ भी विशेष रूप से किया जाता है। इस बार नवरात्रि 8 दिन की होगी, जिसमें द्वितीया और तृतीया दोनों तिथियाँ एक हो गई हैं।
नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानें नहीं खुलेंगी
नवरात्रि के दौरान धार्मिक माहौल को बनाए रखने के लिए प्रदेश सरकार ने एक अहम निर्देश जारी किया है। योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिए हैं कि पूरे नवरात्रों के दौरान मंदिरों के पांच सौ मीटर के दायरे में मांस और मछली की दुकानें नहीं खोली जाएंगी। इसके अलावा, रामनवमी के दिन पूरे प्रदेश में सभी मीट विक्रेताओं की दुकानें बंद रहेंगी।
यह आदेश सभी जिलाधिकारियों को भेज दिए गए हैं, ताकि इसका पालन सुनिश्चित हो सके। इसके साथ ही, सभी मीट विक्रेता अब अपने दुकानों के बाहर भी लाइसेंस के शर्तों के अधीन ही मांस बेच सकेंगे।
नवरात्रि के साथ साथ धार्मिक उल्लास का माहौल
नव संवत्सर और नवरात्रि का समय हमेशा ही देशभर में धार्मिक उल्लास और समृद्धि का प्रतीक होता है। इस समय माँ दुर्गा के स्वागत के लिए श्रद्धालु विशेष पूजा-अर्चना करते हैं और मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगती है। इस वर्ष, जब माँ दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं, तो विशेष रूप से यह समय और भी अधिक महत्वपूर्ण बन जाता है।
इस शुभ समय में जब राज तंत्र में बदलाव के संकेत मिल रहे हैं, और साथ ही सुख-समृद्धि के योग बन रहे हैं, तो यह न केवल भारत के लिए, बल्कि हर व्यक्ति के जीवन में एक नया अध्याय शुरू करने का वक्त है।