नरसिम्हा राव: ‘लाइसेंस राज’ से मुक्त भारत के निर्माता

Dharmender Singh Malik
3 Min Read

पामुलापति वेंकट नरसिम्हा राव: भारत के 9वें प्रधानमंत्री

जन्म: 28 जून 1921, वंगारा, तेलंगाना

मृत्यु: 23 दिसंबर 2004, नई दिल्ली

पेशा: वकील, राजनेता

पद: भारत के 9वें प्रधानमंत्री (1991-1996), विदेश मंत्री (1990-1991), गृह मंत्री (1984), रक्षा मंत्री (1984-1985)

राजनीतिक दल: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

परिवार: पत्नी – सत्यम्मा राव, बच्चे – पी.वी. रंगा राव, पी.वी. प्रभाकर राव, एस. वाणी देवी, पी.वी. राजेश्वर राव, विजया सोमयाजी

शिक्षा: उस्मानिया विश्वविद्यालय, नागपुर विश्वविद्यालय

प्रमुख कार्य:

  • आर्थिक उदारीकरण
  • ‘लाइसेंस राज’ का अंत
  • भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में शामिल करना
  • विदेशी निवेश को बढ़ावा देना

उपलब्धियां:

  • भारत के 9वें प्रधानमंत्री
  • ‘आर्थिक उदारीकरण के जनक’ के रूप में जाने जाते थे
  • कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित
See also  गणेश चतुर्थी 2024: गणेश जी को भूल से भी न चढ़ाएं ये चीजें, वरना झेलनी पड़ सकती है बप्पा की नाराजगी

पामुलापति वेंकट नरसिम्हा राव भारत के एक प्रसिद्ध वकील, राजनेता और भारत के 9वें प्रधानमंत्री थे। वे ‘आर्थिक उदारीकरण के जनक’ के रूप में जाने जाते थे। उन्होंने भारत को ‘लाइसेंस राज’ से मुक्त कराया और देश को वैश्विक अर्थव्यवस्था में शामिल किया।

जन्म और शिक्षा:

पामुलापति वेंकट नरसिम्हा राव का जन्म 28 जून 1921 को तेलंगाना के वंगारा गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उन्होंने उस्मानिया विश्वविद्यालय और नागपुर विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की।

राजनीतिक जीवन:

नरसिम्हा राव ने 1956 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल होकर अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया। उन्होंने आंध्र प्रदेश राज्य विधानसभा और लोकसभा के सदस्य के रूप में कार्य किया। उन्होंने 1984 में गृह मंत्री, 1984-1985 में रक्षा मंत्री और 1990-1991 में विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया। 1991 में, वे भारत के 9वें प्रधानमंत्री बने।

See also  Forget Degrees, Develop Dignity: Why Character Counts More Than Credentials

प्रमुख कार्य:

नरसिम्हा राव ने भारत में आर्थिक उदारीकरण की नीति लागू की। उन्होंने ‘लाइसेंस राज’ का अंत किया और विदेशी निवेश को बढ़ावा दिया। उन्होंने भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में शामिल किया।

मृत्यु:

नरसिम्हा राव का 23 दिसंबर 2004 को नई दिल्ली में निधन हो गया।

विरासत:

नरसिम्हा राव को ‘आर्थिक उदारीकरण के जनक’ के रूप में याद किया जाता है। उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को बदल दिया और देश को वैश्विक अर्थव्यवस्था में शामिल किया।

उनके जीवन से प्रेरणा:

नरसिम्हा राव का जीवन एक साधारण व्यक्ति के असाधारण उपलब्धियों का प्रतीक है। वे एक ऐसे नेता थे जो हमेशा देश के हित के लिए काम करते थे। उनका जीवन सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

See also  विटामिन डी का सेवन करने से दूर होगा माइग्रेन

See also  आतंकवादी बंदर: आगरा में बंदरों का आतंक, पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए बढ़ती चिंता
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a comment

Leave a Reply

error: AGRABHARAT.COM Copywrite Content.