दीपावली 2023, जो धन की देवी लक्ष्मी के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है, 12 नवंबर, 2023 को मनाई जाएगी। अमावस्या तिथि 12 नवंबर, 2023 को दोपहर 2:44 मिनट से शुरू होगी और 13 नवंबर, 2023 को दोपहर 2:56 मिनट पर समाप्त होगी। इस हिसाब से दीपावली 2023 की रात 12 नवंबर, 2023 को मनाई जाएगी।
दीपावली 2023 के लिए शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं:
लक्ष्मी पूजा: 12 नवंबर, 2023 को शाम 5:40 मिनट से शाम 7:36 मिनट तक
महानिशीथ काल: 12 नवंबर, 2023 को रात 11:49 मिनट से मध्य रात्रि 12:31 मिनट तक
Also Read : दीपावली 2023: इन राशियों के लिए विशेष रूप से लाभकारी, जानें कैसे बढ़ाएं अपना धन और समृद्धि
दीपावली 2023: जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और लक्ष्मी पूजा विधि
दीपावली, जो धन की देवी लक्ष्मी के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है, हिंदुओं का सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह प्रकाश और खुशी का त्योहार है, जो हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस साल दीपावली 12 नवंबर, 2023 को मनाई जाएगी।
दीपावली का महत्व
दीपावली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत और अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है। यह त्योहार खुशी, समृद्धि और सौभाग्य लाने के लिए मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों को साफ-सुथरा और सजाते हैं, नए कपड़े पहनते हैं, मिठाई और अन्य उपहार बांटते हैं, और लक्ष्मी जी की पूजा करते हैं।
Also Read : दीपावली 2023: 500 साल बाद बन रहे हैं दुर्लभ योग, इन राशियों को मिलेगा गोल्डन पीरियड
लक्ष्मी पूजा विधि
लक्ष्मी पूजा दीपावली की सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक है। लक्ष्मी जी को धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी माना जाता है। लक्ष्मी पूजा शुभ मुहूर्त में करने से घर में लक्ष्मी का वास होता है।
लक्ष्मी पूजा करने के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होगी:
- लक्ष्मी जी की मूर्ति या तस्वीर
- गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर
- सरसों के तेल का दीया
- घी का दीया
- रोली
- अक्षत
- कुमकुम
- फूल
- माला
- फल
- मिठाई
- सुपारी
- नारियल
- पंचामृत
लक्ष्मी पूजा करने के लिए निम्न चरणों का पालन करें:
- पूजा करने से पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- पूजा घर को साफ करें और सजाएं।
- पूजा की थाली में लक्ष्मी जी और गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर रखें।
- सरसों के तेल का दीया और घी का दीया जलाएं।
- लक्ष्मी जी और गणेश जी को रोली, अक्षत, कुमकुम, फूल और माला अर्पित करें।
- फल, मिठाई, सुपारी, नारियल और पंचामृत का भोग लगाएं।
- लक्ष्मी जी और गणेश जी की आरती करें।
- पूजा के बाद प्रसाद सभी सदस्यों में बांटें।