अस्पताल से छुट्टी मिलते ही किसान नेता श्याम सिंह चाहर का धरने में दमदार वापसी, भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष जारी

अस्पताल से छुट्टी मिलते ही किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने फिर से भ्रष्टाचार के खिलाफ धरने में दिखाई ताकत!

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अस्पताल से छुट्टी मिलते ही किसान नेता श्याम सिंह चाहर का धरने में दमदार वापसी, भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष जारी

आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में सहकारिता विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ किसान नेताओं का आंदोलन जारी है। इस आंदोलन में प्रमुख किसान नेता श्याम सिंह चाहर, जिनकी स्वास्थ्य स्थिति हाल ही में बिगड़ गई थी, अस्पताल से छुट्टी मिलने के तुरंत बाद धरनास्थल पर वापस लौट आए। उन्होंने कहा कि उनका संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक भ्रष्टाचार के खिलाफ न्याय नहीं मिलता और किसानों के अधिकारों की रक्षा नहीं होती।

किसान नेता श्याम सिंह चाहर का संघर्ष जारी

श्याम सिंह चाहर, जो लंबे समय से किसानों के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं, ने अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद फिर से धरनास्थल पर आकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उनकी हिम्मत देखकर उनके समर्थकों में भी उत्साह की लहर दौड़ गई। उन्होंने कहा, “मैं आखिरी सांस तक अन्याय के खिलाफ लड़ाई जारी रखूंगा। यह हमारी किसानों की लड़ाई है और हम इसे कभी नहीं छोड़ेंगे।”

सहकारिता विभाग में भ्रष्टाचार का आरोप

धरने के दौरान श्याम सिंह चाहर और किसान मजदूर नेता चौधरी दिलीप ने केंद्र और प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि उनकी ‘जीरो टॉलरेंस पॉलिसी’ के बावजूद सहकारिता विभाग भ्रष्टाचार में लिप्त है। उनका कहना था कि जिला प्रशासन इस मामले में कोई ठोस कदम उठाने में नाकाम रहा है और सहकारिता विभाग के सामने मजबूर और असहाय नजर आ रहा है।

धरने की प्रमुख मांगें

किसान नेताओं ने धरने के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया, जिनमें से प्रमुख निम्नलिखित थे:

  1. 4 करोड़ 12 लाख रुपये के घोटाले की जांच: किसानों का कहना था कि 21 सहकारी समितियों के गोदामों के निर्माण में 4 करोड़ 12 लाख रुपये का घोटाला हुआ है, और इसकी जांच होनी चाहिए।
  2. पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार: पुलिस विभाग के कथित अधिकारियों, विशेषकर प्रदीप यादव और केपी यादव, द्वारा सैकड़ों भूखंडों को बेचने की घटना की जांच की मांग की गई थी और एफआईआर दर्ज करने की अपील की गई थी।

धरने में किसान नेताओं की उपस्थिति

इस धरने में कई प्रमुख किसान नेता और उनके समर्थक शामिल हुए। धरने में मौजूद प्रमुख किसान नेताओं में रामेश्वर तोमर, छीतरिया, सत्यवीर सिंह चाहर, महताप चाहर, रामू चौधरी, नागेंद्र फ़ौजी, प्रदीप फौजदार, विशम्बर सिंह, विनोद फौजदार, लाखन सिंह, महेश फौजदार, दीपू चाहर, भरत कुशवाह, पप्पू कोली, ओमप्रकाश बघेल, वीरेंद्र चाहर, लीलाधर, चक्खन लाल आदि किसान शामिल थे। इन किसानों ने एकजुट होकर सहकारिता विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई और प्रशासन से कार्रवाई की मांग की।

अगला कदम और प्रशासन पर दबाव

किसान नेता श्याम सिंह चाहर और उनके समर्थकों ने प्रशासन से तुरंत कार्रवाई की मांग की है, ताकि जिन लोगों ने किसानों के अधिकारों का उल्लंघन किया है, उन्हें सजा मिले और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। उनका कहना है कि यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाती और भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त नहीं करती।

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